Sunday, March 15, 2015

Atmavlokan

आत्म अवलोकन !

एक यात्रा  !

प्रारंभ होती है जहाँ से ,अकेलापन समाप्त होता है, और सारा संसार आपके अन्दर समां जाता है। 

और आप देखते हैं हर घटना ,व्यक्ति को आपके अंतर नेत्रों से ,तटस्थ रहकर। 

यही है इस यात्रा का आनंद , 
फिर देर किस बात की, चलो यात्रा आरम्भ करते हैं।